NCTE Big Action : राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने देशभर में बीएड कोर्स चला रहे 2224 कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी है। यह निर्णय उन संस्थानों पर लागू हुआ है जो शिक्षा की गुणवत्ता और तय मानकों को पूरा करने में विफल रहे। यह कार्रवाई अब तक की सबसे बड़ी मानी जा रही है, जिसका असर हजारों छात्रों पर पड़ सकता है।
कार्रवाई अभी रुकी नहीं, 3000 तक जा सकती है संख्या
NCTE ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई अभी जारी है और आने वाले दिनों में 3000 से अधिक संस्थानों की मान्यता रद्द की जा सकती है। ऐसे में जो छात्र बीएड में प्रवेश लेने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए यह जानना अनिवार्य है कि उनके चुने गए कॉलेज की मान्यता बरकरार है या नहीं।
चेतावनी और नोटिस के बाद भी नहीं दी गई रिपोर्ट
परिषद ने सभी संस्थानों को चार महीने का समय देकर परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट (PAR) जमा करने का मौका दिया था। लेकिन कई संस्थानों ने ईमेल, नोटिस और चेतावनी के बावजूद कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, जिससे यह सख्त कदम उठाना पड़ा। इसका मकसद है कि देश में शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता सुधारी जा सके।
डमी शिक्षक और छात्रों का भंडाफोड़
NCTE की जांच में पाया गया कि कई संस्थानों में न तो पढ़ाई होती है और न ही कोई प्रशिक्षण। केवल छात्रों का नामांकन कर पैसे वसूले जाते हैं। साथ ही कई संस्थानों में डमी शिक्षक और फर्जी छात्रों की पुष्टि हुई है। ऐसे संस्थानों की मान्यता रद्द कर शिक्षा क्षेत्र की गरिमा को बनाए रखने की कोशिश की गई है।
चारों क्षेत्रों में हुई कार्रवाई, दक्षिण भारत सबसे अधिक प्रभावित
रद्द किए गए संस्थानों में सभी चार क्षेत्रों के कॉलेज शामिल हैं:
- दक्षिण भारत (South Region): 800 संस्थान
- पश्चिम भारत (West Region): 686 संस्थान
- उत्तर भारत (North Region): 636 संस्थान
- पूर्वी भारत (East Region): 297 संस्थान
यह आंकड़े बताते हैं कि फर्जीवाड़ा केवल एक क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश में शिक्षण संस्थानों की हालत गंभीर है।
12 जून को आएगी मान्यता रद्द संस्थानों की लिस्ट
NCTE ने कहा है कि जिन कॉलेजों की मान्यता रद्द की गई है, उनकी पूरी लिस्ट 12 जून 2025 को आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी। सभी छात्र और अभिभावक इस लिस्ट को जरूर चेक करें, ताकि वे किसी अमान्य संस्थान में एडमिशन लेने से बच सकें।
एडमिशन से पहले जांचें मान्यता, वरना डिग्री हो जाएगी अमान्य
बीएड कोर्स में दाखिला लेने से पहले यह सुनिश्चित करना अत्यंत जरूरी है कि कॉलेज को NCTE से मान्यता प्राप्त है या नहीं। यदि आप किसी रद्द किए गए संस्थान में एडमिशन लेते हैं, तो आपकी डिग्री मान्य नहीं मानी जाएगी और भविष्य में नौकरी या उच्च शिक्षा में समस्याएं हो सकती हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत सख्त प्रावधान
नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर विशेष दिशा-निर्देश तय किए गए हैं। NCTE की यह कार्रवाई उसी नीति के अंतर्गत की गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा दें। यह कदम पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
तकनीकी संस्थानों पर भी पहले हो चुकी है ऐसी कार्रवाई
यह पहली बार नहीं है जब किसी नियामक संस्था ने इस तरह की कड़ी कार्रवाई की हो। इससे पहले AICTE (ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन) ने भी कई इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों की मान्यता रद्द की थी। अब NCTE ने भी यह दर्शा दिया है कि शिक्षा में गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा।